रक्षा सेनाओं को प्रशिक्षण, रेंज, डिपो, आवास, शिविर, कार्यालयों आदि सैन्य गतिविधियों के लिए पर्याप्त भूमि की आवश्यकता होती है। इसलिए रक्षा मंत्रालय के पास लगभग 17.54 लाख एकड़ के भू-भाग का स्वामित्व है जिसमें से लगभग 1.57 लाख एकड़ भूमि 61 अधिसूचित छावनियों में तथा लगभग 15.96 लाख एकड़ भूमि इन छावनियों के बाहर है। इस भूमि के दैनिक प्रबंधन की जिम्मेदारी प्रयोक्ता सेनाओं की है।
भूमि प्रभाग के कार्य
रक्षा संपदा महानिदेशालय निम्नलिखित विषयों सहित भूमि संबंधी सभी विषयों पर नीति तथा अनुदेश बनाने में सहायता प्रदान करता है। यह उनके कार्यान्वयन को भी सुनिश्चित करता है।
- छावनी में स्थित भवन अथवा बिना भवन की विशेष श्रेणी की रक्षा भूमि का पुनःअधिग्रहण।
- ओल्ड ग्रांट/लीज होल्ड संपत्तियों का दाखिल खारिज।
- छावनी के सिविल क्षेत्र/बाजार क्षेत्र में स्थित ओल्ड ग्रांट/लीज होल्ड संपत्तियों को फ्री-होल्ड में बदलना।
- फालतू शिविर भूमि/बंद एयरफील्ड का अंतरण/निपटान।
- रक्षा भूमि पर भोगाधिकार का निपटान।
- भूमि का पुनःवर्गीकरण।
- लीज/लाइसेंसों का नवीनीकरण।
- नई लीज प्रदान करना।
- लीज होल्ड संपत्तियों पर भवन निर्माण नक्शों की स्वीकृति की अनुमति देना।
- खाली पड़ी रक्षा भूमि पर प्रदर्शनी इत्यादि आयोजित करने के लिए अस्थायी लाइसेंस देना ।
- अतिक्रमण से बचाव, पता लगाना तथा उसे हटाना।
- रक्षा भूमि पर विज्ञापन होल्डिंगों के लिए साइटों का लाइसेंस देना।