डीजीडीई ने रक्षा भूमि पर अनधिकृत निर्माण और अतिक्रमण का पता लगाने के लिए एआई-आधारित सॉफ्टवेयर विकसित किया
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन सैटेलाइट एंड अनमेन्ड रिमोट व्हीकल इनिशिएटिव (सीओई-एसयूआरवीईआई) ने एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित सॉफ्टवेयर विकसित किया है जो सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग करके एक समय खंड में अनधिकृत निर्माण व अतिक्रमण समेत जमीन पर होने वाले किसी परिवर्तन का स्वचालित रूप से पता लगा सकता है। राष्ट्रीय रक्षा संपदा प्रबंधन संस्थान में रक्षा सम्पदा महानिदेशालय द्वारा स्थापित सीओई-एसयूआरवीईआई प्रभावी भूमि प्रबंधन एवं शहरी नियोजन के लिए सर्वेक्षण में उपग्रह इमेजरी, ड्रोन इमेजरी और भू-स्थानिक उपकरणों जैसी नवीनतम प्रौद्योगिकियों का प्रयोग करता है। सीओई का उद्घाटन दिनांक 16 दिसंबर, 2021 को रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने किया था।
इस चेंज डिटेक्शन सॉफ्टवेयर को सीओई-एसयूआरवीईआई द्वारा नॉलेज पार्टनर भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (बीएआरसी), विशाखापत्तनम के सहयोग से विकसित किया गया है। वर्तमान में यह टूल प्रशिक्षित सॉफ्टवेयर के साथ नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) कार्टोसैट -3 इमेजरी का उपयोग करता है। विभिन्न समयावधियों की उपग्रह इमेजरी का विश्लेषण करके ज़मीन पर होने वाले परिवर्तनों का पता लगाया जाता है।
इस एप्लीकेशन का उपयोग सीओई द्वारा 62 कैंटोनेमेंट्स में किया गया है और हालिया समय में प्राप्त परिणामों की जमीनी स्थिति के साथ तुलना की गई है। उपकरण छावनी बोर्डों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) को स्थायी प्रकृति के आधार पर परिवर्तनों की पहचान करने में सक्षम बनाता है और फिर उन्हें यह जांचने में सक्षम बनाता है कि क्या ऐसे परिवर्तन अधिकृत हैं या सक्षम प्राधिकारी की उचित मंजूरी के बिना किए गए हैं। इससे सीईओ को यह जानने में मदद मिलती है कि क्या अनधिकृत निर्माण या अतिक्रमण के खिलाफ समय पर कार्रवाई की गई है और यदि ऐसा नहीं किया गया है तो बिना देरी के उचित कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
यह सॉफ्टवेयर अनधिकृत गतिविधियों पर बेहतर नियंत्रण की सुविधा प्रदान करता है, फील्ड स्टाफ की जवाबदेही सुनिश्चित करता है और भ्रष्ट परंपराओं पर लगाम लगाने में मदद करता है। यह पता चला कि प्राप्त 1,133 अनधिकृत परिवर्तनों में से, 570 मामलों में पहले ही कार्रवाई की जा चुकी थी। शेष 563 मामलों में जहां कहीं कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता है, उपकरण द्वारा परिवर्तनों का पता चलने के बाद कैंटोनमेंट बोर्डों द्वारा इसे शुरू किया गया है।
परिवर्तन का पता लगाने वाले उपकरण के परिणामस्वरूप प्रभावी रक्षा भूमि प्रबंधन हुआ है। उच्च सटीकता प्राप्त करने के लिए इसे और बेहतर बनाने और इसे अपग्रेड करने के प्रयास जारी हैं। सीओई ने अब चेंज डिटेक्शन टूल के साथ बेहतर एआई इंटरफेस के लिए कुछ अन्य प्रतिष्ठित संगठनों के साथ साझेदारी की है ताकि चेंज डिटेक्शन सॉफ्टवेयर की कार्यक्षमता को बढ़ाया जा सके। यह विशेष रूप से दूरस्थ और दुर्गम इलाकों में स्थित रक्षा भूमि के प्रबंधन में डीजीडीई और सेवाओं को फायदा पहुंचा सकता है।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन सैटेलाइट एंड अनमेन्ड रिमोट व्हीकल इनिशिएटिव (सीओई-एसयूआरवीईआई) ने भूमि प्रबंधन के लिए खाली भूमि विश्लेषण और पहाड़ी छावनियों के 3डी इमेजरी विश्लेषण के लिए उपकरण भी बनाए हैं। प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर सीओई-एसयूआरवीईआई भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) आधारित भूमि प्रबंधन प्रणालियों के माध्यम से रक्षा भूमि का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है।
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