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सूचना प्रोद्योगिकी

रक्षा सम्पदा महानिदेशालय (डीजीडीई) का सूचना प्रौद्योगिकी प्रभाग रक्षा सम्पदा संगठन से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं के विकास और प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह प्रभाग सॉफ्टवेयर विकास को बढ़ावा देने संबंधी आधुनिक तकनीकों का सक्रिय रूप से लाभ उठा रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी प्रभाग की प्रमुख परियोजनाएं निम्नलिखित हैं:

  • ई-छावनी पोर्टल
  • रक्षा भूमि
  • रियल टाइम रिकॉर्ड प्रबंधन प्रणाली
  • संग्रहण आधारित लेखा प्रणाली
  • सुविद्या – स्कूल प्रबंधन प्रणाली
  • अतिक्रमण पोर्टल
  • छावनी बोर्डों की संपत्तियों की जियो-टैगिंग
  • डीमैप
  • रक्षा संपदा किराया और अधिग्रहण प्रणाली
  • फ़ाइल ट्रैकिंग और डाक प्रबंधन प्रणाली

रक्षा सम्पदा महानिदेशालय अन्य मंत्रालयों/सरकारी संगठनों अर्थात् आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र, दूरसंचार विभाग आदि द्वारा प्रदान किए गए निम्नलिखित सॉफ़्टवेयर का भी उपयोग कर रहा है:

  • सरकारी भूमि सूचना प्रणाली
  • ई-ऑफ़िस
  • कोलैबफ़ाइल्स (एनआईसी का उत्पाद)
  • एनआईसी की ईमेल सेवाएँ
  • गतिशक्ति संचार पोर्टल

आईटी प्रभाग एक अलग नेटवर्क ऑपरेटिंग सेंटर (एनओसी) का अनुरक्षण करता है जो रक्षा संपदा महानिदेशालय के आंतरिक नेटवर्क अवसंरचनात्मक ढांचे के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है। एनओसी संगठन के भीतर सुचारू संचार, कनेक्टिविटी और सुरक्षा सुनिश्चित करता है। यह नेटवर्क के काम-काज की निगरानी करता है, समस्याओं का निवारण करता है और आवश्यक अपग्रेडेशन करता है। आईटी प्रभाग सभी निदेशालयों, रक्षा संपदा कार्यालयों और छावनी बोर्डों में फैले इंट्रानेट की देखरेख करता है। इंट्रानेट एक आंतरिक संचार मंच के रूप में कार्य करता है, जिससे कार्यालयों को सहयोग करने, जानकारी साझा करने और संसाधनों तक पहुँचने की अनुमति मिलती है। यह प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और रक्षा संपदा संगठन के भीतर कुशल संचार को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

परियोजनाओं का विवरण

ई-छावनी पोर्टल: डिजिटल शासन की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए तथा छावनी, के कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देते हुए, रक्षा सम्पदा महानिदेशालय, रक्षा मंत्रालय, द्वारा 100% ऑनलाइन सेवा प्रदान करने और एक कुशल और नागरिक केंद्रित सेवा वितरण तंत्र को लागू करने के लिए विभिन्न रूपों और प्रक्रियाओं के मानकीकरण के लिए ई-छावनी परियोजना की अवधारणा तैयार की गई थी। ई-छावनी परियोजना के कार्यान्वयन से पहले, छावनी के निवासियों को सेवाओं का लाभ उठाने के लिए छावनी कार्यालय जाना पड़ता था और सेवाओं के वितरण की प्रक्रिया छावनी बोर्डों में मानकीकृत नहीं थी। ई-छावनी परियोजना में एक पर्याप्त सरकारी प्रक्रिया पुनः चालन प्रयास शामिल था, जिसके परिणामस्वरूप छावनी के नागरिकों के लिए कुशल और प्रभावी सेवा वितरण तंत्र के साथ-साथ छावनी बोर्डों के काम-काज की वास्तविक समय आधार पर मॉनिटरिंग भी संभव हुई।ई छावनी पोर्टल (https://echhawani.gov.in) और मोबाइल ऐप एक मल्टी टेनेन्सी नागरिक केंद्रित सॉफ्टवेयर है जिसे देश भर के 61 छावनी बोर्डों के 20 लाख से अधिक निवासियों को एक एकीकृत ई छावनी पोर्टल के माध्यम से सरल, उपयोगकर्ता के अनुकूल तरीके से ऑनलाइन नागरिक सेवाएं प्रदान करने के लिए लागू किया गया है। ई छावनी परियोजना से छावनी बोर्डों के साथ नागरिकों की आपसी भागीदारी बढ़ी है और यह भारत की विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में सभी सेवाएं देता है। डिजिटल भुगतान के मोड को बढ़ावा देने के उद्देश्य से , छावनी बोर्ड उन नागरिकों को प्रोत्साहन दे रहा है, जो ई छावनी पोर्टल के माध्यम से स्वयं सेवा मोड के माध्यम से सेवा का लाभ उठा रहे हैं।

ई-छावनी के अंतर्गत प्रमुख सेवाएं

  • सूचना पोर्टल – छावनी बोर्ड वेबसाइट,
  • व्यापार लाइसेंस मॉड्यूल,
  • लोक शिकायत निवारण
  • डिजिटल भुगतान के लिए विविध संग्रहणन मॉड्यूल
  • जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र डाउनलोड
  • ऑनलाइन ओपीडी पंजीकरण
  • जीआईएस आधारित जल कनेक्शन (स्वजल) और सीवरेज कनेक्शन
  • ऑनलाइन संपत्ति कर भुगतान सुविधा
  • सामुदायिक हॉल और पानी के टैंकर की बुकिंग
  • ऑनलाइन भवन योजना स्वीकृति प्रणाली (ओबीपीएएस मॉड्यूल)
  • संपत्ति कर रिकॉर्ड में नामों का नामांतरण
  • किराया संग्रह मॉड्यूल
  • मोबाइल शौचालय लोकेटर सुविधा